नियम

राजस्थान सरकार
मुख्यमंत्री कार्यालय
लेखा एवं कोष प्रकोष्ठ
क्रमांक:एफ40(1)मु.मं./सहायता/99 जयपुर,दिनांक 06.04.1999
-:: अधिसूचना ::-
राज्यपाल महोदय ने प्रशासनिक कारणों से मुख्यमंत्री महोदय ने निम्न विभिन्न कोषों को सम्मिलित कर एक कोष बनाने का निर्णय लिया है –
  1. राजस्थान मुख्यमंत्री अकाल एवं बाढ सहायता कोष, नियम 1979
  2. राजस्थान मुख्यमंत्री अस्पताल विकास कोष नियम 1978
  3. राजस्थान मुख्यमंत्री सामान्य सहायता कोष नियम 1978
  4. राजस्थान मुख्यमंत्री सुरक्षा सेवा कल्याण कोष नियम 1962
  5. राजस्थान मुख्यमंत्री बाल कल्याण कोष नियम 1988
  6. राजस्थान विकास कोष नियम 1992
यह निर्णय लिया गया है कि उक्त पुन:निर्मित कोष का नाम ‘राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष’ होगा। राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष के शासनार्थ निम्न लिखित नियमों की स्वीकृति प्रदान की गई है। –

नियम- 1.

ये नियम “राज॰ मुख्यमंत्री सहायता कोष“ नियम 1999 कहलावेंगें तथा समस्त वैधानिक /प्रशासनिक प्रयोजनार्थ इस कोष का गठन अप्रेल, 1999 से किया हुआ माना जावेगा तदनुसार ये नियम भी 01.04.1999 से प्रभावशील किये गये माने जावेंगे।

नियम- 2.

राजस्थान मुख्यमंत्री के विभिन्न कोष जो इस कोष में सम्मिलित किये जाने हैं उसके 31.3.99 के अंतिम बैलेंस इस कोष की प्रारम्भिक पूंजी कहलाई जावेगी। ये एक स्थाई कोष होगा, जिसमें किसी भी सीमा तक पूंजी जमा की जा सकेगी। जमा पूंजी पर जो प्रतिवर्ष आय प्राप्त होगी, उसमें से सहायता स्वीकृत करने के पश्चात वित्तीय वर्ष की समाप्ती पर शेष बचत को स्थाई कोष में स्थानान्तरण कर दी जावेगी। साधारणतया स्थाई कोष से सहायता राशि स्वीकृत नही की जा सकेगी।

नियम- 2(1).

महामहिम राज्यपाल महोदय, मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्राप्त दान राशि का उपयोग गरीब एवं निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता के रूप में स्वीकृत कर सकते है।

नियम- 3.

इस कोष के आय के स्रोत निम्न लिखित होंगे –

  1. किसी भी व्यक्ति/संस्था एवं निकाय से आर्थिक सहायता का योगदान।
  2. राज्य सरकार/केंद्रीय सरकार अथवा किसी भी अन्य प्रादेशिक राज्य सरकार से अनुदान।
  3. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहायता कोष अथवा किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री के पदनाम वाले सहायता कोष से        योगदान।
  4. कोष में संग्रहित पूंजी के बैंको/पी.डी. अकाउंट /निगमों एवं अन्य मदों में विनियोजन पर ब्याज /आय।
  5. कोई भी अन्य वैधानिक योगदान जो गुमनाम नहीं है।
  6. योगदान नकद/डी.डी./चैक से अथवा किसी भी अन्य वस्तु के रूप में प्राप्त की जा सकेगी।

नियम- 4

इस कोष से सहायता राशि निम्न कारणों/परिस्थितियों हेतु घोषित उद्देश्यों पर स्वीकृत की जावेगी।
4(1) अकाल, बाढ एवं दुर्घटना सहायता

  1. अकाल/अभाव/बाढ़/अतिवृष्टि/अग्निकांड एवं अन्य प्राकृतिक विपदांए/ आकस्मिक दुर्घटना से प्रभावित होने वाले तथा प्राकृतिक विपदा/ आकस्मिक दुर्घटना से असामयिक मृतकों के आश्रितों को सहायता।
  2. निर्धन/पिछडी जाति/अनु॰ जाति/जन जाति बाहुल्य ग्रामीण आंचलो को पीने के पानी की ग्राम पंचायत द्वारा की गई की जाने वाली व्यवस्था में मैचिंग आधार पर सहायता।
  3. अन्य किसी कार्य/प्रयोजन/उद्देश्य के लिए सहायता देना जो उक्त उद्देश्यों से समानता रखते है।

4(2) अस्पताल विकास एवं चिकित्सा सहायता
  1. राजस्थान में स्थित किसी भी राजकीय एवं गैर राजकीय अस्पताल, चिकित्सालय औषधालय/ग्रामीण संस्थाओं जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि तथा इन सब से संलग्न धर्मशाला एवं विश्रामालयों आदि, जो केवल रोगियों तथा उनके साथ आये हुये सहायकों के उपयोग में ही आ सके, के समुचित विकास एवं जन सुविधा की दुष्टि से अधिकतम उपयोग के लिए किसी भी प्रकार के निर्माण हेतु।
  2. उपरोक्त संस्थाओं में नितान्त आवश्यक उपकरणो एवं संयंत्रों/ओषधियों की खरीद के लिए, जो सामान्यतया राजकीय बजट से उपलब्ध न कराई जा सकें।
  3. किसी व्यक्ति/ व्यक्तियों को किसी गम्भीर रोग के लम्बे समय तक चलने वाले उपचार के लिए एक मुश्त सहायता स्वीकृत करना।
  4. प्रदेश में महामारी अकाल अतिवृष्टि एवं अंन्य प्राकृतिक विपदायें प्रभावित क्षेत्रों के लोगो की जीवन रक्षा हेतु औषधियों तथा सहायता कार्यो के लिए।
  5. जन-स्वास्थ्य ( मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण कार्यो सहित ) कार्यो/आयोजनों एवं अभियानों जो प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लोकहित में काम आवे तथा अपंगों को कृत्रिम पैर/हाथ आदि अंग लगाने के लिए स्वयं को अथवा किसी संस्था को एकमुश्त सहायता स्वीकृत करना।

4(3) सामान्य सहायता
  1. सामाजिक शान्ति व सामाजिक एकता को बनाये रखने हेतु।
  2. शिक्षा कार्य।
  3. शिक्षण संस्थाओं के विकास हेतु एकमुश्त सहायता।
  4. खेलकूल आदि के आयोजनों हेतु सहायता
  5. युवा शक्ति के रचनात्मक कार्यो में उपयोग सम्बन्धी कार्यक्रम हेतु सहायता।
  6. युद्वकाल एवं संकट के समय सम्पत्ति की सुरक्षा हेतु सहायता एवं पुनर्वास।
  7. प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त लोगों को सहायता।
  8. विशेष खतरे के स्थानों के निवासियों खास तौर पर सीमा क्षेत्रो के निवासियों को सहायता।
  9. औधोगिक शान्ति को बनाये रखने के कार्यो में सहायता
  10. राष्ट्रीय अनुशासन एवं एकीकरण के कार्यो में सहायता।
  11. घृणित (Ghastly)/जघन्य (Heinous) अपराध पीड़ितो को सहायता।

4(4) सुरक्षा सेवा कल्याण सहायता
  1. अराजपत्रित (नान-कमिशन्ड) भूतपर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के लियें विभिन्न कार्यो हेतु सहायता।
  2. वर्तमान में कार्यरत सेना के सिपाही/अराजपत्रित अधिकारियों के सेवा के अयोग्य हो जाने पर अथवा अन्य कारणों से उत्पन्न हुई आर्थिक विपन्नता की स्थिति में सहायता स्वीकृत करना।
  3. युद्ध के समय वीरगति प्राप्त सैनिकों की विधवाओं की जीवन यापन के लिये सभी प्रकार की सहायता स्वीकृत करना तथा उनके जीवन यापन के स्त्रोत उत्पन्न करने में सहायता देना तथा सभी प्रकार के पुनर्वास की व्यवस्था करना।
  4. सैनिकों/भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों को विद्याअध्ययन के लिये एकमुश्त वार्षिक सहायता देना।
  5. सैनिको / भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों को लम्बी बीमारियों के लिए सहायता।
  6. युद्ध के समय एवं युद्ध की सम्भावना पर या उत्पन्न स्थिति में सुरक्षा सेवाओं के कल्याणकारी कार्या के लिये राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय समितियों को सहायता।

4(5) बाल कल्याण सहायता
  1. यह सहायता केवल उन्ही कार्यक्रमों के लिये दी जावेगी जिनका उद्देश्य 14 वर्ष तक के बालक/बालिकाओं के विकास या कल्याण के लिए होगा।
  2. बालकों के विकास और कल्याण के लिये वर्तमान कार्यक्रमों में अनुभव की जा रही कमी को पूरा करने एवं ऐसे नवीन कार्यक्रमों को चलाने में प्रोत्साहन व सहायता देना जो बालको के विकास व कल्याण के लिये आवश्यक है।
  3. प्रतिभाशाली जरूरतमंद बालकों को सम्मान राशि देना छात्रवृत्ति देना एवं साहसी बालको को पुरस्कृत करना।
  4. किसी भी बालक को विपदाग्रस्त परिस्थिति में चिकित्सा भोजन व रख रखाव हेतु एकमुश्त सहायता।
  5. कुपोषण से ग्रस्त बालकों के लिये पोषाहार हेतु सहायता।
  6. बालकों विशेषकर कमजोर वर्ग के बालकों को शिक्षा के लिये बालकों/शिक्षा संस्थाओं को आवश्यक पुस्तकों सामग्री व उपकरणों हेतु आवश्यक सहायता।
  7. काम पर जाने वाली महिलाओं विशेषकर कमजोर वर्गो की महिलाओं के शिशुओं की देखभाल हेतु बालालय जैसी परियोजना हेतु सहायता
  8. मानसिक रूप से विमंदित बालक की देखभाल हेतु सहायता।
  9. बालकों के ज्ञान के विकास उनके मनोरंजन खेल-कूद आदि की योजना पर स्वायत्तशापी व स्वैच्छिक संगठनों को कुल लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत की सहायता अन्य 50 प्रतिशत या उससे अधिक इन अभिकरणों द्वारा स्वयं द्वारा वहन किया जावेगा।

4(6) राजस्थान प्रदेश के विकास हेतु

  1. स्थानीय नागरिकों द्वारा जल समस्या का समाधान करने , कृषि तथा पशु विकास एवं हस्तकला विकास एवं रोजगार , खेलकूद विकास संरक्षण , शिक्षा प्रसार एवं प्रचार और विभिन्न प्रकार की सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण में मैचिंग आधार पर सहायता स्वीकृत करना।
  2. उपरोक्त उद्देश्यों के अतिरिक्त मा.मुख्यमंत्री महोदय द्वारा निर्देशित विकास योजनाओं में तथा अन्य कार्यो हेतु व्यक्तियों तथा संस्थाओं को सहायता राशि की स्वीकृति मैचिंग आधार पर स्वीकृत की जा सकेगी।
  3. "III राजस्थान को समृद्ध ऐतिहासिक एंव सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं विकास हेतु निजी क्षेत्र की संस्थाओं एवं दानदाताओं से आर्थिक सहायता प्राप्त करना तथा इसका उपयोग सुनिश्चित करना।"


4 (6ए) कोष के ब्याज से वार्षिक अनुमानित आय का व्यय यथासंभव निम्नलिखित अनुपात में व्यय किया जावेगाः-

क्रम स. मद अनुपात
1. अकाल बाढ एवं दुर्घटना सहायता 50 प्रतिशत
2. अस्पताल विकास एवं चिकित्सा सहायता 25 प्रतिशत
3. सुरक्षा सेवा कल्याण सहायता 10 प्रतिशत
4. सामान्य सहायता 5 प्रतिशत
5. बाल कल्याण 5 प्रतिशत
6. राजस्थान विकास 5 प्रतिशत
 

यह नीति निर्देशन मापदंड है, बाधक नही माने जावें।

 

4 (7) राजस्थान प्रदेश के गरीब एवं निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता स्वीकृत कर सकते है।

नियम- 5

यह कोष मुख्यमंत्री महोदय के अधीन होगा ताकि वे इस कोष से किसी भी प्रकरण में किसी भी सीमा तक वित्तीय सहायता स्वीकृत कर सकेंगे।

 

नोट- कोष के उक्त घोषित उद्देश्यों पर व्यय करते समय यह ध्यान रखा जावेगा कि यथासम्भव कोष में जमा पूंजी के विनियोजन से अर्जित ब्याज की राशि की सीमा तक प्रतिवर्ष व्यय किया जावे। किन्तु यह नीति निर्देशक मापदण्ड है बाधक नही मानी जावेगी।

नियम- 6

कोष की पूंजी का विनियोजन:-
इस कोष में प्राप्त होने वाली धनराशि किसी भी राष्ट्रीयकृत/शिड्यूल बैंक अथवा केंद्रीय सरकार/राज्य सरकार द्वारा आरक्षित ग्रामीण बैंक अथवा सहकारी बैंक में सरकारी कोष में सावधि जमा के रूप में एवं पी.डी. खाते में अथवा राष्ट्रीय बचत पत्रों/बॉण्डों में अथवा वैधानिक रूप से गठित राज्य के किसी भी निगम/निकाय/मंडल में अल्पकालीन ऋण के रूप में सचिव,मुख्यमंत्री के आदेश से विनियोजित की जा सकती है।

नियम- 7

कोष नियंत्रक :-
कोष के संचालन पॅजी विनियोजन एवं खातों से राशि निकालने के लिये मुख्य सचिव के समग्र नियन्त्रण एवं अधीक्षण (Over all control & superintendence) के अध्याधीन सचिव मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।

नियम- 8

कोष का लेखा मुख्यमंत्री कार्यालय में संधारित किया जावेगा तथा कोष का अंकेक्षण परीक्षक स्थानीय निधी अंकेक्षण विभाग द्वारा किया जावेगा। दानदाता को आयकर की छूट एवं कोष की आय को आयकर की छूट इत्यादि प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट की नियुक्ति भी की जा सकेगी।

नियम- 9

इस कोष के लिये धनराशियां/ सामग्री जिला स्तर पर भी एकत्रित की जा सकती है।

नियम- 10

इन नियमों के वर्तमान प्रावधानों को शिथिल करके स्वीकृति देने का पूर्ण अधिकार मुख्यमंत्री महोदय को होगा।

नियम- 11

आवश्यकता पडने पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय की सहमति से नियमों में परिवर्तन किया जा सकेगा।

 

यह नियम/आदेश मंत्रिमंडल के अनुमोदन के पश्चात प्रसारित किए जा रहे हैं।

राज्यपाल की आज्ञा से,

ह॰
सचिव मुख्यमंत्री

 
क्रमांक - एफ 40 (1) मु॰म॰/सहायता /1999 जयपुर दिनांक 06.04.1999

प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है:-

  1. महालेखाकार, राजस्थान जयपुर।
  2. समस्त प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव राजस्थान सचिवालय जयपुर।
  3. समस्त जिला कलक्टर।
  4. समस्त विभागाध्यक्ष।
  5. परीक्षक, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग राजस्थान जयपुर।

ह॰
उप सचिव मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री सचिवालय
(लेखा प्रकोष्ठ)
-:: अधिसूचना ::-
राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम, 1999 के नियम 4(6) में उप नियम-III निम्न प्रकार जोडा जाता है:–

"III राजस्थान को समृद्ध ऐतिहासिक एंव सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं विकास हेतु निजी क्षेत्र की संस्थाओं एवं दानदाताओं से आर्थिक सहायता प्राप्त करना तथा इसका उपयोग सुनिश्चित करना।‘‘

उक्त संशोधन हेतु ‘‘राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम -1999‘‘ के नियम II के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप माननीय मुख्यमंत्री जी की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है।

सचिव (प्रथम) मुख्यमंत्री जी
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है
  1. महालेखाकार, राजस्थान, जयपुर|
  2. समस्त प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव राजस्थान सचिवालय जयपुर।
  3. समस्त जिला कलेक्टर|
  4. समस्त विभागाध्यक्ष|
  5. परीक्षक, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग राजस्थान जयपुर।
उप सचिव, मुख्यमंत्री जी
राजस्थान सरकार
मुख्यमंत्री सचिवालय
-:: अधिसूचना ::-
राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम, 1999 के नियम 2 एवं नियम 4 में निम्न प्रकार जोडा जाता है:–

नियम 2(1) महामहिम राज्यपाल महोदय को मुख्यमंत्री सहायता कोष क लिए प्राप्त दान राशि का उपयोग गरीब निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता स्वीकृत कर सकते हैं

नियम 4(7)राजस्थान प्रदेश क गरीब एवं निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता स्वीकृत करना

उक्त संसोधन हेतु "राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम 1999" के नियम -11 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप माननीय मुख्यमंत्री जी की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है

गोविन्द मोहन
सचिव मुख्यमंत्री
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है
  1. महालेखाकार, राजस्थान, जयपुर|
  2. समस्त प्रमुख शासन सचिव / शासन सचिव ,राजस्थान सरकार जयपुर
  3. समस्त जिला कलेक्टर|
  4. समस्त विभागाध्यक्ष |
  5. परीक्षक, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग राजस्थान जयपुर ।
एम. एम. .जोशी उपसचिव, मुख्यमंत्री जी
राजस्थान सरकार
मुख्यमंत्री सचिवालय
क्रमांक:एफ40(1)मु.मं./सहायता/2001/3592 जयपुर,दिनांक 05.03.2002
-:: अधिसूचना ::-
‘‘राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम 1999‘‘ के नियम 5 व 7 में संशोधन करते हुए नियम 5 व 7 को निम्न रूपों में प्रतिस्थापित किया जाता है।

नियम- 5 यह कोष मुख्यमंत्री महोदय के अधीन होगा ताकि वे इस कोष से किसी भी प्रकरण में किसी भी सीमा तक वित्तीय सहायता स्वीकृत कर सकेंगे।

नियम- 7 कोष के संचालन पूंजी विनियोजन एवं खातों से राशि निकालने के लिये मुख्य सचिव के समग्र नियन्त्रण एवं अधीक्षण (Over all control & superintendence) के अध्याधीन सचिव मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।

उक्त संशोधन हेतु ‘‘राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम 1999‘‘ के नियम-11 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप माननीय मुख्यमंत्री जी की स्वीकृति प्राप्त करली गई है।

(सी के मैथ्यू)
सचिव (प्रथम) मुख्यमंत्री
प्रतिलिपि निम्न लिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है:-
  1. महालेखाकार, राजस्थान जयपुर|
  2. समस्त प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव राजस्थान सचिवालय जयपुर।
  3. समस्त जिला कलक्टर।
  4. समस्त विभागाध्यक्ष|
  5. परीक्षक, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग राजस्थान जयपुर।
(एस के सोलंकी) उप सचिव (एस)मुख्यमंत्री
राजस्थान सरकार
मुख्यमंत्री सचिवालय
क्रमांक:एफ40(1)मु.मं./सहायता/2001 जयपुर,दिनांक:-
-:: अधिसूचना ::-
‘राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम 1999‘‘ के नियम 2 एवं नियम 4 में निम्न प्रकार से जोडा जाता हैः-
नियम- 2(1) महामहिम राज्यपाल महोदय को मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्राप्त दान राशि का उपयोग गरीब निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता स्वीकृत कर सकतें है।
नियम 4(7) राजस्थान प्रदेश के गरीब एवं निर्धन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता स्वीकृत करना
उक्त संशोधन हेतु ‘‘राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम, 1999‘‘ के नियम-11 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप माननीय मुख्यमंत्री जी की स्वीकृति प्राप्त करली गई है।
(गोविन्द मोहन) सचिव मुख्यमंत्री
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित हैः-
  1. महालेखाकार, राजस्थान जयपुर|
  2. समस्त प्रमुख शासन सचिव/ शासन सचिव, राजस्थान सरकार जयपुर।
  3. समस्त जिला कलक्टर।
  4. समस्त विभागाध्यक्ष|
  5. निदेशक, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, राजस्थान जयपुर।
(एम॰एम॰जोशी)
उपसचिव, मुख्यमंत्री
राजस्थान सरकार
मुख्यमंत्री सचिवालय
क्रमांक एफ40 (1) म॰म॰/सहायता /2011 जयपुर, दिनांकः-27.09.11
-:: अधिसूचना ::-
‘‘राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम 1999‘‘ के नियम 4 (3) में 11. निम्न प्रकार से जोडा जाता हैः-
नियम 4(3)11. घृणित (Ghastly)/जघन्य (Heinous) अपराध पीड़ितो को सहायता।

उक्त संशोधन हेतु ‘‘ राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम, 1999‘‘ के नियम-11 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप माननीय मुख्यमंत्री जी की स्वीकृति प्राप्त करली गई है।

(श्रीमत् पाण्डेय)
प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित हैः-
  1. महालेखाकार राजस्थान, जयपुर।
  2. समस्त प्रमुख शासन सचिव/ शासन सचिव, राजस्थान सरकार जयपुर।
  3. समस्त जिला कलक्टर।
  4. निदेशक, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, राजस्थान जयपुर।
(एस के सोलंकी)
उप सचिव (एस)मुख्यमंत्री